झूंठों के देश में हरिश्चन्द्रों की भीड़


🔘 रफाल मामले पर सर्वोच्च न्यायालय 👉 झूंठा
🔘 ओ. पी. वर्मा के मामले में सी. वी. सी. 👉 झूंठा
🔘 क्रान्तिकारियों का गौरव 👉 झूंठा
🔘 नेताओं के भ्रष्टाचार के मामले में सी. बी. आई. 👉 झूंठा
🔘 चुनाव में हार पर ई. वी. एम. 👉 झूंठा
🔘 भारतमाता की जय का नारा 👉 झूंठा
🔘 महाराणा प्रताप को महान् एवं भगवान् श्री राम के इतिहास को मानने वाले इतिहासकार 👉झूंठा
🔘 पाकिस्तान सच्चा व भारत देश 👉 झूंठा
🔘 सर्जिकल स्ट्राइक पर केन्द्र सरकार व सेना 👉 झूंठे
🔘 प्रधानमंत्री 👉 झूंठा
🔘 वेदादि शास्त्र 👉 झूंठे
🔘 हिन्दुओं के सभी आदर्श 👉 झूंठे


और भी अनेक झूंठे इस देश में बसते हैं। अब केवल राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, मायावती, वामपंथी नेता, अरविन्द केजरीवाल, फारुक अब्दुल्ला, मणिशंकर अय्यर, कपिल सिब्बल, शरद यादव, लालू यादव, सिन्हा बंधु, औवेसी आदि नेता सत्यवादी महाराजा हरिश्चन्द्र के रूप में भारत भूमि पर अवतरित हुए हैं। हां, इतना अवश्य है कि सतयुग के महान् प्रतापी सत्यवादी महाराजा हरिश्चन्द्र, जो हम सबके महान् पूर्वज थे, सम्पूर्ण भूमण्डल पर धर्मपूूर्वक राज्य करते थे और इनमें से कुछ कलियुगी हरिश्चन्द्र सम्पूर्ण संसार के देशों में जाकर भारतवर्ष की निन्दा करते, उपर्युक्त कथित झूंठों की पोल खोलते हैं तथा भारत सरकार को अपदस्थ करने के लिए शत्रु देशों की शरण में जाते हैं। जिन्होंने भारतमाता के टुकडे़ किए, वे पुनः और टुकड़े करने का पूर्ण प्रयास कर रहे हैं। क्या भारत की जनता इस विषय में विचार करेगी?

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